गरीब कैदियों की रिहाई के लिए सहायता करेंगी अधिकार प्राप्त समिति: इन्द्र विक्रम सिंह

-गरीब कैदियों को सहायतार्थ के लिए अधिकार प्राप्त समिति का गठन

गाजियाबाद। जेल में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जेल में बंद गरीब लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने का फैसला किया है। केंद्र ने यह फैसला इसलिए किया है, क्योंकि वे लोग (गरीब कैदी) जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ हैं। जिसके जिसके लिए गाजियाबाद में अधिकार प्राप्त समिति का गठन हो गया है। डासना जिला कारागार में बंद गरीब कैदियों की सहायता अब अधिकार प्राप्त समिति करेगी। जेल में जो गरीब कैदी है, वह जुर्माना अदा न करने और धन के अभाव में जमानत कराने में असमर्थ हैं। उन्हें जेलों से रिहा नहीं किया जा रहा है। ऐसे कैदियों की जिला स्तरीय समिति द्वारा जमानत राशि 40 हजार रुपए व 40 हजार रुपए से अधिक की जमानत राशि के लिए जिला स्तरीय समिति, राज्य स्तरीय समिति को प्रस्ताव भेजकर अनुमोदित कराया जा सकता हैं।

बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुमार मिताक्षर, जनपद न्यायाधीश द्वारा नामित अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार चौरसिया, पुलिस उपायुक्त मुख्यालय शुभम पटेल, जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज कुमार पुष्कर आदि उपस्थित हुए। शासन के आदेश के तहत जनपद न्यायाधीश द्वारा नामित समिति के सदस्य के रूप में न्यायिक मजिस्ट्रेट, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,पुलिस आयुक्त शुभम पटेल,नामित अधिकारी,एसपी व वरिष्ठ अधीक्षक, प्रभारी अधीक्षक कारागार, सदस्य सचिव को शामिल करते हुए कमेटी का गठन किया गया हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने गरीब कैदियों की सहायता के लिए एक योजना बनाई है। जिससे ऐसे गरीब कैदियों को सहायता प्रदान की जाएगी, जिन्हें जुर्माना न अदा करने, धन के अभाव में जमानत कराने में असमर्थ हैं। इसलिए उन्हें जेलों से रिहा नहीं किया जा सका है। बैठक के दौरान जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने अवगत कराया कि इस संबंध में एक प्रकरण है, जो राज्य स्तरीय समिति से संबंधित है। जिलाधिकारी ने उक्त के संबंध में आदेश दिए कि उक्त व्यक्ति के संबंध में जो जांच-पड़ताल करनी है,उसे समय से गुणवत्तापूर्ण की जाए।