रोशनी घोटाला : पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती भी फंसीं

सरकारी भूमि पर मिला पीडीपी का आलीशान दफ्तर

कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में प्रकाश में आए रोशनी घोटाले में अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चेयरपर्सन और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी फंस गई हैं। अवैध रूप से भूमि पर कब्जा कर पीडीपी कार्यालय का निर्माण करने का आरोप लगा है। 3 कनाल सरकारी भूमि पर यह निर्माण किया गया है। दफ्तर के पहले फ्लोर पर विवादास्पद नेता राशिद खान ने डेरा जमा रखा है। सीबीआई जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती भी मुश्किल में घिरती नजर आ रही हैं। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का नाम रोशनी घोटाले में प्रकाश में आ चुका है। रोशन घोटाले की जांच सीबीअराई कर रही है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रोशनी घोटाले में सामने आए नामों की सूची सार्वजनिक की है। यह सूची अदालत के आदेश पर सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। जम्मू-कश्मीर राज्य भूमि (ऑक्युपेंट्स का स्वामित्व अधिकार) अधिनियम-2001 तत्कालीन फारूक अब्दुल्ला सरकार द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं के लिए फंड जुटाने के मकसद से लाया गया था। इसलिए इस कानून को रोशनी नाम दिया गया। इस कानून के अनुसार भूमि का मालिकाना हक उसके अनधिकृत कब्जेदारों को इस शर्त पर दिया जाना था कि वह नागरिक बाजार मूल्य पर सरकार को भूमि का भुगतान करेंगे। इसकी कट ऑफ 1990 तय की गई थी। अधिनियम में 2 बार संशोधन किए गए। ये संशोधन मुफ्ती सईद और गुलाम नबी आजाद की सरकार के दरम्यान किए गए। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर आरोप है कि जम्मू के सजवान में जंगल की भूमि पर उनका घर है। फारूक अब्दुल्ला के बाद नया नाम पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती का सामने आया है। आरोप है कि पीडीपी ने अवैध तरीके से 3 कनाल सरकारी भूमि पर कब्जा कर दफ्तर का निर्माण कराया था। पीडीपी की सर्वेसर्वा महबूबा मुफ्ती हैं। दफ्तर के प्रथम तल पर विवादास्पद नेता राशिद खान ने डेरा जमा रखा है।