ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनजी रवि कुमार के विजन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कई योजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैंं। वह शहर के लिए नई योजनाओं की प्लानिंग करके अमलीजामा पहना रहे हैं तो नागरिक सुविधाओं को दुरुस्त रखने के लिए कदम उठा रहे हैं।
विजय मिश्रा (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनजी रवि कुमार के विजन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कई योजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैंं। वह शहर के लिए नई योजनाओं की प्लानिंग करके अमलीजामा पहना रहे हैं तो नागरिक सुविधाओं को दुरुस्त रखने के लिए कदम उठा रहे हैं। पानी, सीवर, सफाई जैसी सुविधाओं को बेहतर बना रहे हैं।
एनजी रवि कुमार ने जब से सीईओ का पद संभाला है तब से प्राधिकरण को नई दिशा में ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। बिल्डर, आवासीय, कमर्शियल समेत सभी श्रेणी में योजनाएं ला रहे हैं। नई परियोजनाओं के आने से लोगों के सामने कई विकल्प आ जाते हैं। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 05 बिल्डर भूखंडों की योजना लांच कर दी है। इस स्कीम के ब्रोशर डाउनलोड करने और पंजीकरण कराने की सुविधा कल (मंगलवार) से शुरू हो जाएगी। इन 05 भूखंडों के आवंटन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस के आधार पर करीब 500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन से होगा। इन भूखंडों के आवंटन होने पर 8 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे।
घर लेने का मिलेगा मौका
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर बिल्डर विभाग की तरफ से 05 बिल्डर भूखंडों की योजना लांच कर दी गई है। इस योजना के जरिए कुल 99 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी। ये भूखंड ओमीक्रॉन वन ए, म्यू, सिग्मा थ्री, अल्फा टू, पाई वन व टू में स्थित हैं। ये भूखंड 3999 वर्ग मीटर से लेकर 30470 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी इसका लिंक दिया गया है। इस योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि 23 जुलाई है। पंजीकरण शुल्क, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपोजिट) और प्रोसेसिंग फीस 26 जुलाई 2024 है। डॉक्यूमेंट सबमिट करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई है। आवंटन होते ही इन भूखंडों पर पजेशन भी मिल जाएगा। इन सभी 05 भूखंडों के आवंटन होने पर करीब 8 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे।
लोगों को मिलेगा बेहतर विकल्प
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में ग्रीनरी एनसीआर में सबसे अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टीविटी के लिहाज से अन्य शहरों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा बेहतर है। रिहायश के लिए ग्रेटर नोएडा बहुत बेहतर विकल्प है। इसको देखते हुए ये योजना निकाली गई है। इससे लोगों को ग्रेटर नोएडा में घर लेने का विकल्प मिल जाएगा।
एजेंसियों पर नकेल कसी तो दिखा परिणाम
सीईओ शहर की आम सुविधाओं को दुरुस्त करने के प्रयास में जुटे हैं। पानी, सीवर, सफाई जैसी सुविधाओं को बेहतर बना रहे हैं। एसटीपी को पूरी क्षमता से चलाने के लिए गांवों को भी सीवर लाइन से जोड़ा जा रहा है। पानी आपूर्ति बेहतर करने के लिए नलकूपों की मोटर बदलवा दी। सफाई के लिए एजेंसियों पर नकेल कसी है। इसका परिणाम भी दिख रहा है।