गाजियाबाद में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर वसूले 47 लाख रुपये, मनी लांड्रिंग का दिखाया डर

गाजियाबाद। साइबर अपराधियों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 47 लाख रुपये वसूल लिए। जालसाजों ने पुलिस अधिकारी बनकर मनी लांड्रिंग में खाते इस्तेमाल होने का आरोप लगाया और जेल भेजने की धमकी देकर खाते से रकम ट्रांसफर करा ली। पीडि़ता ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया। इंदिरापुरम के नीति खंड-एक में रहने वाली सौम्या जिंदल का कहना है कि उनके पास अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने कहा कि फेडेक्स कोरियर कंपनी से बोल रहा है। उनके नाम का एक पार्सल है, जिसमें अवैध अमेरिकी डॉलर, प्रतिबंधित नशीली दवा और आधार कार्ड है। कुछ देर बाद ही उनकी कॉल साइबर सेल एनसीबी मुंबई शाखा को ट्रांसफर कर दी गई और कहा गया कि उन्हें पुलिस की मंजूरी लेनी होगी। इसके स्काइप ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो कॉल पर आकर सत्यापन कराने को कहा गया। वीडियो कॉल पर उन्हें पुलिस के कुछ आईकार्ड दिखाए गए।

खुद को पुलिस अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि मनी लांड्रिंग में इस्तेमाल होने वाले छह बैंक खातों में उनका आधार कार्ड पाया गया है। उनके बैंक खाते सत्यापित किए जाएंगे। पीडि़ता के मुताबिक उन्हें कैमरे के सामने स्क्रीन पर रहने के लिए कहा गया और सभी खातों की डिटेल मांगी गई। इसके बाद उनसे आईसीआईसीआई बैंक की एक वर्ष की ट्रांजेक्शन डाउनलोड कर सत्यापित कराने के लिए कहा गया। पीडि़ता के मुताबिक, आरोपियों ने सीबीआई का नाम लेकर उनके खाते को भुगतानकर्ता के रूप में जोडऩे के लिए कहा। इसके बाद प्रत्येक लेनदेन को 45 मिनट तक स्कीन पर सत्यापित करने को कहा। उन्होंने बैंक खातों के लेनदेन का विवरण दिया तो एक मिनट के भीतर ही मोबाइल पर खाते से 47 लाख रुपये कटने का मैसेज मिला।

आरोपियों ने कहा कि रकम सिर्फ सत्यापन के लिए ली गई है, जो सत्यापन के बाद वापस कर दी जाएगी। इस दौरान उन्हें लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने का निर्देश देते रहे। पीड़िता के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक से शुल्क मान्य करने की कॉल आई तो उन्होंने खाता ब्लॉक करने को कहा। तब तक खाते में सिर्फ 17.40 लाख रुपये ही बचे थे और 30 लाख रुपये ट्रांसफर हो चुके थे। एडीसीपी काइम सच्चिदानंद का कहना है कि साइबर ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर रकम वसूली है। केस दर्ज कर जालसाजों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा।