अवैध निर्माण हुआ तो नपेंगे संबंधित जोन के अधिकारी: अतुल वत्स

-प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत 10 योजनाओं का डेटा मान्यकरण का कार्य पूरा
-अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाने और प्राधिकरण की आय बढ़ाने के लिए जीडीए उपाध्यक्ष सख्त

गाजियाबाद। शहर में नक्शा पास कराए बगैर अनधिकृत निर्माण हो रहे हैं, नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है और नियोजित विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर सब कुछ देखकर भी अनजान बने रहते हैं। अफसरों की इस लापरवाही पर नकेल कसने के लिए प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने कहा है कि जिस भी जोन में अनधिकृत (अवैध) निर्माण होगा, तो उस जोन के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। इससे प्राधिकरण के अधिकारियों में बेचैनी है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना इसलिए भी लाजिमी है कि पिछले कुछ वर्ष में शहर में निर्माणों की संख्या तो बढ़ी है, मगर प्राधिकरण की कमाई बढऩे की बजाय कम हुई है। मगर अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाने और प्राधिकरण की आय बढ़ाने के लिए उपाध्यक्ष ने अपना खाका तैयार कर लिया है। जिसके लिए रोज अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनके पेंच कसे जा रहे है। जीडीए की संपत्तियों से संबंधित प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत 10 योजनाओं का डेटा मान्यकरण का कार्य पूरा हो गया है। इसके साथ ही एक माह के अंदर सभी संपत्तियों का डेटा संचालित प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम पर कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

शनिवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने जीडीए सभागार में अधिकारियों के साथ करते हुए यह दिशा-निर्देश दिए। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, ओएसडी गुंजा सिंह, ओएसडी कनिका कौशिक, फाइनेंस कंट्रोलर अशोक कुमार वाजपेयी, चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता आलोक रंजन, लवकेश कुमार, अजीत कुमार बघाडिय़ा समेत आदि अधिकारियों के साथ संपत्ति अनुभाग एवं प्रवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि जीडीए सीमा क्षेत्र में अवैध निर्माण पर पूर्णत: अंकुश लगाया जाए। बैठक में वादग्रस्त संपत्तियों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किए जाने के संबंध में समीक्षा की गई। इसके अलावा संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज कराने और जोनवार अवैध निर्माण को सूचीबद्ध करने एवं जून माह में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए चिन्हित किए गए अवैध निर्माण की समीक्षा की गई। जीडीए उपाध्यक्ष ने पहले संपत्ति अनुभाग की समीक्षा की।

बैठक में वरिष्ठ प्रभारी संपत्ति द्वारा अवगत कराया गया कि जीडीए में संचालित प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम पर 10 योजनाओं का डेटा वैलिडेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जीडीए उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि एक माह के अंदर जीडीए की सभी संपत्तियों का डेटा प्राधिकरण में संचालित प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम पर शामिल कर लिया जाए। सहायक प्रभारी संपत्ति को निर्देशित किया कि उनके द्वारा देखी जा रही योजनाओं का पोर्टल पर परीक्षण करते हुए योजना के तलपट मानचित्र पर संपत्ति से संबंधित विवरण जैसे वादग्रस्त, रिक्त संपत्ति, अवैध कब्जा आदि को चिन्हित कर लिया जाए। इसके अलावा जीडीए की संपत्तियों का बकाया के संबंध में संचालित पोर्टल को अपग्रेड करते हुए अन्य विकास प्राधिकरण की तर्ज पर जीडीए की संपत्ति की देयता की भी जानकारी समय से प्राप्त होती रहे। जीडीए उपाध्यक्ष ने इसके बाद प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि 3 मई 2018 के शासनादेश में दिए गए निर्देशों के अनुसार अवैध निर्माण, अनाधिकृत रूप से विकसित कॉलोनियों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जाए। उन्होंने प्रवर्तन अनुभाग के प्रवर्तन प्रभारियों को निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों पर जीडीए से स्वीकृत मानचित्र की एक प्रति रक्षित की जाए तथा अवैध निर्माणों पर विशेष अभियान चलाकर सीलिंग की कार्रवाई की जाए, ताकि जीडीए सीमा क्षेत्र में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया जा सकें। अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर संबंधित जोन के इंजीनियरों व सुपरवाइजरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।