छायादार-फलदार व शोभनीय पौधे का ही किया जाए चयन: इन्द्र विक्रम सिंह

-डीएम ने ली जिला पर्यावरण, गंगा समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक

गाजियाबाद। जनपद में स्थानों की उपलब्धता के अनुसार छायादार, फलदार और शोभनीय पौधे रोपित किए जाए। बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने प्रभागीय निदेशक वानिकी ईशा तिवारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, सामाजिक वानिकी प्रभाग, जीडीए, नगर निगम समेत अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ जिला पर्यावरण, गंगा समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति की अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए यह दिशा-निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि हिंडन नदी में औद्योगिक इकाइयों के नालों से पानी गंदा करने वाले उद्योगों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए। बैठक में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग ईशा तिवारी ने ‘पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान वर्ष-2024-25 के लिए किए जा रहे कार्यों की स्थिति एवं आगामी  माह में किए जाने वाले कार्यों के बारे में पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया गया।

जिलाधिकारी ने जिला वृक्षारोपण समिति के सदस्यों एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को आदेशित करते हुए कहा कि सभी विभाग चिन्हित भूमि पर अग्रिम मृदा कार्य जून माह में पूर्ण कर लें। इसके साथ ही वृक्षारोपण के लिए स्थल की उपलब्धता के अनुसार पौधों की छायादार, फलदार, शोभनीय, आवश्यकतानुसार आदि प्रजातियों का चयन किया जाए। वन विभाग की नर्सरी से पौधे दिलाने की उचित व्यवस्था कर ली जाए। जिला गंगा समिति के बिंदुओं पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन-जिन जगहों पर औद्योगिक उत्प्रवाह हिंडन नदी में किया जा रहा है। उन औद्योगिक इकाइयों का विवरण 15 दिनों के भीतर जिला गंगा समिति को उपलब्ध कराया जाए।

नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो ड्रेस अनटैप्पड हैं, उनकी जल्द से जल्द टैपिंग की जाए। डस्ट कंट्रोल ऐप पर अधिक से अधिक इकाइयों का पंजीकरण करवाए जाने तथा समीर ऐप पर लंबित शिकायतों का शीघ्र निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए। सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के संबंध में सुझाव दिया कि प्लास्टिक के भंडारण तथा वितरण के स्रोतों का पता लगाकर उत्तरदायी संस्था एवं व्यक्ति पर कार्रवाई की जाए, ताकि जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णत: रोक लगाई जा सकें। इसके अतिरिक्त पर्यावरण से सम्बंधित अन्य मुद्दों जैसे सड़कों की साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत, खुले में कूड़ा जलाने आदि पर भी चर्चा करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए।