संकट में है सनातन: सत्ता के लालच में सनातन से खिलवाड़ नहीं होगा बर्दाश्त: के.के. शर्मा

गाजियाबाद। आज देश में सनातन धर्म को लेकर 1923 वाले वही हालात पैदा हो रहे हैं। जिस तरह से आज सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उसी तरह से तब सनातन धर्म की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। आज से 99 साल पहले पूरे देश में सनातन धर्म का जिस तरह मजाक उड़ाया जाता था और सनातन धर्म संकट में था आज फिर से देश में वही हालात पैदा हो रहे हैं कुछ धर्म विरोधी ताकते हैं हमारे धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं। सनातन धर्म को पुन: गरिमा और दिव्यता प्रदान करने के लिए समर्पित भाव से कार्य करना होगा। सनातन धर्म कम हुआ तो पूरा देश संकट में आ जाएगा। सनातन धर्मावलंबी अपने धर्म पालन करें। धर्म का सम्मान करना सीखें।
उक्त बातें सोशल चौकीदार के संस्थापक एवं वरिष्ठ समाजसेवी के.के. शर्मा ने रविवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करते हुए कहीं। उन्होंने कहा भारत विभिन्न धर्मों व संप्रदायों का देश है। कुछ विपक्षी दल के नेता सत्ता के लालच में सनातन धर्म पर लगातार प्रहार कर देश के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। सत्ता प्राप्ति के लिए किसी भी धर्म पर चोट करना निंदनीय है। सनातन धर्म युगो-युगो पुराना है। परंतु सनातन धर्म का विरोध करने वाले नेता अपना दिमागी संतुलन ही खो बैठे हैं। समाज व देश को तोडऩे वाले ऐसे लोग कभी भी सत्ता का सुख नहीं देख पाएंगे।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म पर अपने बयान ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़कर इसके उन्मूलन का आह्वान किया। वहीं उसके बाद तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके के नेता उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म मच्छर से फैलने वाले डेंगू और मलेरिया की तरह है और इसे खत्म करना होगा। उदयनिधि ने अपने बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की। उन्होंने कहा कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए।

वरिष्ठ समाजसेवी के.के. शर्मा ने कहा दुनिया में संकट आता है तो सनातन धर्म ही पलक पावड़े बिछाकर लोगों की सुरक्षा और संरक्षण का काम करता है। सनातन धर्मावलंबी कभी नहीं कहता है कि हम विशिष्ट हैं या हमीं सबकुछ हैं। अलग अलग लोग इसे अलग अलग रास्ते से देखते हैं। इसके बाद भी जिन लोगों को यह समझ नहीं आता है। हमें भारत की परंपरा पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। दुनिया को मानवीय कल्याण के मार्ग पर चलने वाली सनातनी परंपरा पर गर्व करना चाहिए। यह राष्ट्रीयता का प्रतीक है। भारत को नई प्रेरणा देने का माध्यम है। सत्ता के लालच में विपक्ष सनातन पर लगातार प्रहार कर रहा है। उसे लगता है, सनातन का अपमान कर वह आगामी लोकसभा चुनाव में जीत जाएंगे। उनका ये बयान हिंदुओं के प्रति डीएमके की घृणा को दर्शाता है।