बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कसी कम

गाजियाबाद। मानसून के चलते जनपद में बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अब कमर कसना शुरू कर दिया है। बाढ़ से निपटने के लिए 8 बिंदुओं पर काम किया जाएगा। गुरुवार को एसडीएम सदर अरुण दीक्षित ने नगर निगम के मोहननगर जोनल कार्यालय में संभावित बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पुलिस, जिला आपूर्ति विभाग, पशुधन, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं एनएचएआई, स्वास्थ्य विभाग आदि विभाग के अधिकारी व स्थानीय लोग उपस्थित हुए। एसडीएम सदर अरुण दीक्षित ने बताया कि बैठक में बाढ़ से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाई गई। जिसमें 8 बिंदुओं को लेकर अनिवार्य रूप से उल्लेख किया गया। इनमें जनपद में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक प्रबंधन एवं कार्रवाई करना है।

बाढ़ निरोधक कार्यों पर बाढ़ के समय सामग्री कार्यस्थल तक पहुंचाने के लिए साधन उपलब्ध कराने एवं बाढ़ निरोधक कार्यों की क्षतिग्रस्त स्थल पर मरम्मत के लिए मजदूर व अन्य आवश्यक व्यवस्था करना हैं। बाढ़ निरोधक कार्यों की सुरक्षा के लिए आवश्यकता पडऩे पर पीएसी, पुलिस व होमगार्ड के जरिए पैट्रोलिंग का प्रबंध करना। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ निरोधक कार्यों के क्षतिग्रस्त होने पर जहां रात्रि में कार्य करने की आवश्यकता हो वहां पर बिजली का उचित प्रबंध करना। जलमग्न क्षेत्र में बारिश के पानी को निकालने के लिए पंप, बिजली, डीजल आदि की समुचित व्यवस्था करना। राहत कार्यों से संबंधित विभाग, संस्थानों से समन्वय का कार्य करना और बाढ़ से संबंधित अन्य कार्य किए जाने हैं।

बैठक में सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता ने अवगत कराया कि बारिश में प्रत्येक वर्ष प्रदेश के बहुत से क्षेत्र बाढ़ एवं जल प्लावन से प्रभावित होते हैं। इससे फसलों के साथ संपत्ति की क्षति होती है। पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर बाढ़ जैसी दैवीय आपदा तथा उससे उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी की जाए। ताकि बाढ़ की स्थिति में जन एवं धन की हानि कम से कम हो और पीड़ित व्यक्तियों को अविलंब राहत पहुंचाना संभव हो सकें। सिंचाई विभाग,नगर निगम एवं नगर निकाय को शासन के निर्देशानुसार नाले की साफ-सफाई एवं नाले के चोक होने आदि के संबंध में पूर्व में जांच कराने और तैयारी करने के लिए निर्देशित किया गया।

पशु चिकित्साधिकारी भूसा उपलब्ध कराने के निर्देश
पशुपालन विभाग के माध्यम से उचित मूल्य पर संबंधित विकास खंड के सम्बंधित पशु चिकित्साधिकारी भूसा उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। बाढ़ के समय पशुओं में भयंकर रोग फैलने की आशंका बनी रहती है। इस समस्या के निदान के लिए पशुपालन विभाग सक्रिय ढंग से कार्य करेंगे तथा सदैव बाढ़ चौकियों पर पशु चिकित्सक आवश्यक दवाओं के साथ उपलब्ध कराएंगे। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों एवं उन स्थानों पर जहां प्रभावित व्यक्ति भेजे जाएंगे। वहां पर तत्काल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए आपूर्ति विभाग द्वारा एसडीएम के मार्गदर्शन में की जाएगी। बाढ़ चौकियों पर मुख्य रूप से खाद्यान्न मिट्टी तेल, नमक, माचिस की आपूर्ति की जाएगी। पूर्ति निरीक्षक को इस कार्य में लगाया जाएगा। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर आवश्यक वस्तुओं को राहत कार्य के लिए पहले से ही रखवाना सुनिश्चित करेंगे।

एसडीएम ने निर्देश दिए कि बाढ़ से प्रभावित बहुत से परिवार ऐसे होते हैं, जो भुखमरी की कगार पर आ जाते हैं। ऐसे परिवारों का सर्वेक्षण तत्काल राजस्व विभाग के पास ग्राम स्तर के अधिकारियों से करा लिया जाए। जो भी परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंचने वाले होंगे उनको मुफ्त खाद्यान शासन के निर्देशानुसार उपलब्ध कराया जाएगा। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में महामारी एवं विभिन्न संक्रामक रोग फैलने की आशंका होती है। इसे देखते हुए सभी बाढ़ चैकियों पर चिकित्सक आवश्यक दवा के साथ उपलब्ध रहेंगे, ताकि किसी प्रकार की बीमारी का तत्काल उपचार किया जा सके। जनपद के अन्य भागों में चिकित्सक प्रभावी क्षेत्रों में हल्की गाडिय़ों के साथ भेजे जाएंगे। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जहां साफ पीने का पानी उपलब्ध नहीं है,जहां कुएं से पानी लिया जाता है, वहां साफ पानी की व्यवस्था की जाएगी।