फिक्र : 90 हजार करोड़ के घाटे में ऊर्जा विभाग

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने हालात पर जताई चिंता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ऊर्जा विभाग के बढ़ते घाटे पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऊर्जा विभाग करीब 90 हजार करोड़ के घाटे में है। विभाग को घाटे से उबारने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। आर्थिक रूप से स्वावलंबी होने पर सर्वाधिक फायदा उपभोक्ताओं और विभाग को होगा। उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को आयोजित सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उक्त विचार व्यक्त किए। सम्मेलन का विषय विद्युत व्यवस्था में सुधार के उपाय था। इस दौरान ऊर्जा मंत्री शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विभाग को स्वावलंबी बनाने की जरूरत है ताकि बढ़ते घाटे को रोकने के साथ उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं से समझौता कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यह सरकार उपभोक्ता हितैषी सरकार है। उपभोक्ताओं को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने को सरकार कृतसंकल्प है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इंजीनियरों के पास सघन निगरानी का जिम्मा है। इस जिम्मेदारी को वह बखूबी तरीके से निभाएं। इंजीनियरों को एक-एक चीज का हिसाब रखना होगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री भी उपभोक्ता है। उपभोक्ताओं का मंत्री है। अलबत्ता उसकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर उपभोक्ता है। शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं को ध्यान में रखकर स्मार्ट मीटर की नई सुविधा को शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत अपनी विधान सभा से की ताकि कोई खामी हो तो उसकी जानकारी हो जाए। खामिया मिलने पर हमने चेताया भी। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधाओं में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास किए जाते रहेंगे। समारोह में ऊर्जा मंत्री को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।