गाजियाबाद में उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले 1975 की तरह भारत में अब नहीं होगी आपातकाल की पुनरावृत्ति

-भारत में संवैधानिक प्रजातंत्र की नींव बेहद मजबूत: जगदीप धनखड़
-सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे उप राष्ट्रपति
-कुछ वर्ष पहले घाटे में चलने वाली सीईएल का लाभ देने वाली मिनीरत्न बनना बहुत उत्साहजनक

गाजियाबाद। वर्ष-1975 में आपातकाल लागू होने के कारण दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अंधेरे में चला गया था। आज के भारत में आपातकाल की पुनरावृत्ति नहीं होगी। उन्होंने आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए कहा कि वह दिन फिर नहीं देखने को मिलेंगे। भारत में लोकतंत्र बहुत मजबूत है। अब देश के गांव, राज्य और केंद्रीय स्तर पर संवैधानिक रूप से लोकतंत्र सुदृढ़ हैं। उक्त बातें बुधवार को साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साईट-4 स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहीं। सीईएल कंपनी के स्वर्णजयंती समारोह में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका बताते हुए नए भारत का निर्माता बताया। केंद्र सरकार ने कुछ वर्ष पहले घाटे चलने वाली सीईएल उक्रम को विनिवेश करने की दिशा में कदम उठा गए थे। हाल ही में सीईएल ने बहुत उत्साहजनक प्रदर्शन करके इसे लाभ अर्जित करने वाली मिनीरत्न कंपनी बन गई। सीईएल को मिनीरत्न का दर्जा दिए जाने की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीईएल अन्य सभी संस्थानों के लिए एक रोल मॉडल है। इससे दूसरों को इसकी सफलता से प्रेरणा और ऊर्जा लेकर आगे बढऩा चाहिए।

आज प्रौद्योगिक हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। तकनीक और नवाचार जीवन को बदलने का प्रभावी मार्ग है। उपराष्ट्रपति ने ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में बैटरी और चार्जिंग तकनीक के शोध पर भी बल दिया। बुधवार को साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साईट-4 स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ एवं केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पहुंचे थे। इस दौरान प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. कलाइसेल्वी, सीईएल के सीएमडी चेतन प्रकाश जैन आदि भी उपस्थित रहे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, सर्विलांस और निगरानी जैसी तकनीक से बदलते सुरक्षा परिदृश्य को रेखांकित करते हुए कहा कि राष्ट्र हितों की सुरक्षा में सीईएल के रणनीतिक एंव संपूर्ण प्रौद्योगिक और तकनीकी उन्नति के केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक्स है। इलेक्ट्रॉनिक्स किसी भी भविष्य के तकनीकी विकास और विस्तार का मूल आधार बनता हैं।

देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हासिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण के लिए स्वदेशी क्षमता निर्माण काफी महत्वपूर्ण हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सीईएल द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि नवनीकरणीय ऊर्जा ही भविष्य है। उन्होंने कहा कि सीईएल के नवाचारों ने स्थाई ऊर्जा समाधानों को आम व्यक्ति के करीब ला दिया है। उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम के मद्देनजर करीब 700 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया था। दोपहर दो बजे से पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात हो गए थे। सभी कटों पर बैरियर लगा दिए गए हैं। छतों पर भी पुलिस बल लगाया गया है। कंपनी के बाहर आवश्यक सेवा से जुड़ी दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद करा दी गई थी। सड़क से सभी वाहनों को हटा दिया गया था।

पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल, एडीसीपी यातायात वीरेंद्र कुमार ने पूरे रूट का निरीक्षण कर ड्यूटी चेक की। दोपहर दो बजे से यूपी गेट से भारी व व्यवसायिक वाहनों को डाबर तिराहे से नमो भारत स्टेशन साहिबाबाद वसुंधरा फ्लाईओवर के नीचे से सौर ऊर्जा मार्ग होते हुए सीईएल कंपनी की ओर नहीं भेजे गए। वहीं,उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस ने पूरे ट्रांस हिंडन इलाके में और मुख्य शहर में कोतवाली एवं नंदग्राम थानाक्षेत्र में ड्रोन उड़ाने पर तत्काल पाबंदी लगा दी थी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए धारा-144 लगाने का आदेश जारी किया था। सीईएल कंपनी के 50 वर्ष पूरे होने पर बुधवार को स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित किया गया। शाम करीब साढ़े चार बजे से साढ़े छह बजे तक कार्यक्रम आयोजित हुए। सुरक्षा के मद्देनजर करीब 700 पुलिसकर्मियों को लगाया था। इसमें एक पुलिस उपायुक्त, एक अपर पुलिस उपायुक्त यातायात,छह सहायक पुलिस आयुक्त,10 निरीक्षक,करीब 250 उपनिरीक्षक, 400 हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल शामिल थी। इसके अलावा सभी चौक,चौराहों, तिराहों पर यातायात पुलिसकर्मियों को लगाया गया था।