नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : एक और अड़चन दूर

कुरैब गांव की 17 हेक्टेयर भूमि क्रय करने का रास्ता साफ

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की राह की एक और अड़चन दूर हो गई है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए तेजी से काम चल रहा है। कुरैब गांव के किसानों ने इस प्रोजेक्ट हेतु भूमि देने से इंकार कर दिया है। किसान अब इस पर राजी हो गए हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का काम चल रहा है। इसके लिए कुछ और भूमि की आवश्यकता है। यमुना विकास प्राधिकरण किसानों से सहमति के आधार पर भूमि क्रय कर नागरिक उड्डयन विभाग को उपलब्ध कराएगा। इसके बाद किसानों को भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रस्तावित सभी लाभ मिलेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 6 गांव की भूमि अधिग्रहित की गई है। इनमें गांव रोही, परोही, बनबारीवास, दयानतपुर, किशोरपुर व रन्हेरा की 1334 हेक्टेयर भूमि शामिल है। भूमि अधिग्रहण कानून के तहत यह भूमि अधिग्रहित की गई, मगर एयरपोर्ट के रनवे में कुरैब गांव की भूमि का कुछ हिस्सा भी आ रहा है। इसलिए प्राधिकरण कुरैब गांव की करीब 17 हेक्टेयर भूमि क्रय कर रहा है। इसके लिए ग्रामीण प्राधिकरण को सहमति भी दे चुके हैं। भूमि की एवज में किसानों को अधिग्रहण कानून के तहत मिलने वाले मुआवजे के बराबर राशि व नौकरी समेत अन्य लाभ मिलेंगे। एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए मास्टर प्लान, टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन आदि तैयार हो चुका है। मास्टर प्लान को यमुना प्राधिकरण व नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लि. बोर्ड से स्वीकृति मिलने पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। कुरैब गांव की काफी भूमि एयरपोर्ट के दूसरे चरण में भी आ रही है। दूसरे चरण में कुरैब के अलावा चकबीरमपुर, रन्हेरा, करौली बांगर, दयानतपुर, मुढरह गांव की 1365 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होनी है। इसकी प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। सामाजिक समाघात रिपोर्ट तैयार कराने के लिए शासन ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीम गठित की है। पहले चरण में एयरपोर्ट पर 2 रनवे बनाए जाने हैं। दूसरे चरण में एक रनवे व मेंटीनेंस, ओवरहालिंग व रिपेयर एमआरओ की गतिविधियां होंगी। उधर, यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए कुरैब गांव की कुछ भूमि किसानों से सहमति के आधार पर खरीदी जा रही है। किसानों ने इसके लिए मंजूरी दे दी है।