भाजपा जीती या हारी पता नहीं ?

विजय मिश्रा
(लेखक उदय भूमि के ब्यूरो चीफ हैं। इंडियन एक्सप्रेस, जी न्यूज, दैनिक जागरण, अमर उजाला, नई दुनिया सहित कई प्रमुख समाचार पत्र एवं न्यूज चैनल के साथ काम कर चुके हैं।)

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा का परिणाम आ चुका है। 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को करीब 300 और कांग्रेस के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन को 225 से अधिक सीटें मिली है। सरकार बनाने के लिए 273 सीटें चाहिये। सीटों की संख्या के लिहाज से देखें तो भाजपा जीत गई, लेकिन क्या भाजपा जीत गई जवाब है नहीं। फिर क्या भाजपा हार गई इसका भी जवाब है नहीं। इस सवाल का सही जवाब है पता नहीं। यानी सब कुछ क्लीयर होने के बाद भी यह पता नहीं है कि भाजपा हारी है या जीती है। बहुमत है सरकार भी भाजपा की बनेगी। लेकिन क्या सरकार टिकाऊ होगी या फिर डगमगाती रहेगी? इसका भी जवाब है पता नहीं। यानी वर्तमान स्थिति में यदि आपको राजनीति के इन बिंदुओं से जुड़े किसी सवाल का जवाब देना पड़े तो बेहतर होगा कि आप यही जवाब दें कि पता नहीं। लोकतंत्र में जनादेश सर्वोपरि होता है और जनता का निर्णय सबसे सही निर्णय होता है। जनता ने अपने निर्णय में भाजपा को आईना दिखाकर सचेत होने का अवसर दिया है। यदि अब भी भाजपाई नहीं चेते तो भविष्य में दुगर्ति तय है। लोकतंत्र बना ही इसलिए है कि सबकी सुनो। लेकिन जब सबकी नहीं सुनोगो तो फिर सुनने के काबिल भी नहीं बचोगे। जिस उत्तर प्रदेश ने भाजपा को प्रचंड बहुमत तक पहुंचाया उसी उत्तर प्रदेश ने इस बार गर्त में पहुंचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। नेताओं में अहंकार है। यह कहने की बात नहीं सभी को दिखाई देता है। लेकिन हमें याद रखना होगा कि अहंकार रावण का नहीं रहा था। 2024 के चुनाव परिणाम भारतीय लोकतंत्र की खूबी की एक झलक है। जनादेश ने साफ कर दिया कि सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के भरोसे रहने से भाजपा का काम नहीं चलेगा। उसके निर्वाचित सांसदों और राज्य के नेतृत्व को भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इस चुनाव परिणाम को भाजपा की हार इसलिए कह सकते हैं कि उसे अपने बूते बहुमत नहीं मिला और पहले के मुकाबले कम सीटें मिली है। वहीं इसे भाजपा की जीत इसलिए भी कह सकते हैं कि उसने लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है। स्पष्ट बहुमत 1999 में भी नहीं था और उससे पहले भी नहीं था। फिर भी उसने सरकार बनाई और 5 साल तक सरकार चलाई। 2004 में सिर्फ 145 सीटें जीतकर कांग्रेस ने सरकार बना ली। 2009 में भी कांग्रेस ने सिर्फ 206 सीटें हासिल कर सरकार चलाई। 2024 में भाजपा को 240 से अधिक सीटें मिली है। यानी भाजपा की जीत हुई है। लेकिन आप सभी को मेरा सुझाव यही है कि यदि कोई आपसे पूछे कि भाजपा की हार हुई या जीत तो आप यही जवाब देना कि पता नहीं।